बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने के तरीके | 10 Ways to Develop Reading Habit
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बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने के तरीके | 10 Ways to Develop Reading Habit
एक बच्चा अपनी शुरुआती उम्र में बहुत सी आदतों को विकसित कर सकता है | रात में जल्दी सोने की आदत, ब्रश करने की आदत और पढ़ने की आदत | बच्चे की उम्र के शुरुआती निर्माणात्मक सालों में पढ़ने की आदत एक बहुत ही स्वस्थ एवं मौलिक कौशल है | पढने की आदत दिमाग के विकास में सहायक है, भाषा कौशल को सुधरती है और किसी भी उम्र में विकसित की जा सकती है | इन सब फायदों के अलावा यह आदत आसपास की दुनिया और समाज को समझने में भी मदद करती है|
इस सन्दर्भ से जुड़े हुए बहुत से सामान्य सवाल हो सकते हैं| माता पिता जानना चाह सकते हैं –
· बच्चे के लिए पढ़ना कब शुरू करें?
· बच्चे के लिए पढ़ना कैसे शुरू करें?
· किताबों से अवगत करने की सही उम्र क्या है?
· किस किताब से शुरुआत करें?
और बहुत से सवाल कि कैसे बेहतर हम मदद कर सकते हैं पढ़ने की आदत को विकसित करने में| हालांकि हम मानते हैं कि हर बच्चा अलग होता है पर सही दिशा दिखाने से सकारात्मक बदलाव आ सकता है |
अपने बच्चों में अच्छी पढ़ने की आदत को बढ़ाने के लिए नीचे एक संकेतात्मक सूची दी गई है-
बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने के तरीके | 10 Ways to Develop Reading Habit
बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने के तरीके
(इस लेख के अंत में दिए गए विडियो को देखना मत भूलिए)
1. हर रोज़ पढ़ें
एक बच्चे के लिए किसी काम को आदत बनाने के लिए उसे अपना नियम बनाना ज़रूरी है | जैसे हम उनके खाने , सोने और जागने में एक नियम लाने में उनकी मदद करते हैं, उसी प्रकार हमें उनके रोज़ पढ़ने का भी एक नियम बनाना चाहिए | आप रात को सोने से पहले या अपनी सुविधा अनुसार कोई भी और वक़्त निर्धारित कर सकते हैं |
2. पढ़ने की अलग जगह
पढ़ने का स्थान पलंग के नज़दीक, या बालकनी में सीधी रौशनी के नीचे या स्टडी रूम (पढ़ने का कमरा) में हो सकता है | पढ़ने की जगह पर भरपूर रौशनी का होना अति आवश्यक है जिससे कि आपकी आँखों पे बोझ ना पड़े |
3. उम्र के हिसाब से सही शैली का चयन
बाज़ार में व ऑनलाइन स्टोर्स पर हर शैली की किताबें उपलब्ध हैं | हमें अपने बच्चे की उम्र के हिसाब से सही शैली की किताब का चयन करना चाहिए | ध्यान रहे कि अगर आपकी किताब बच्चे की उम्र के लिए उपयुक्त नहीं होगी तो उसकी रूचि ख़त्म हो सकती है |
शिशु के लिए – पॉप-अप किताबें या चित्र पुस्तकें – ज़्यादातर यह किताबें बहुत चमकदार चित्र लिए हुए होती हैं और इनमें मौजूद पॉप-अप चित्र भी नन्हे बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं जिससे उनमें आगे चलकर पढ़ने की आदत विकसित हो सकती है |
बच्चों के लिए – 1 से 3 वर्ष- चित्र पुस्तक के साथ छोटे अक्षर इस उम्र के बच्चों के लिए उत्तम है | इन पुस्तकों से उन्हें अक्षर व उनके स्वर समझने में सहायता मिलती है |
शिशु विद्यालय (प्री स्कूल) के बच्चों के लिए – 3 से 5 वर्ष – कहानियां, चित्रण (इलसट्रेशन्स) एवम् संवाद्त्मक (इंटरैक्टिव) किताबें बच्चों को पढ़ने में और मज़ा देती हैं |
बच्चों के लिए – 5 से 10 वर्ष इस उम्र के बच्चे बहुत तरह की किताबें पढ़ व समझ सकते हैं | कॉमिक, कहानियां – वास्तविक / काल्पनिक शैली की किताबों से इन्हें अवगत कराया जा सकता है | पुस्तक बच्चे के हाथ में देने से पहले लेखक चुनने में सावधानी अवश्य बरतें |
4. पढ़ने को मज़ेदार बनायें
पढ़ना और कहानी कहना एक कला है | बच्चों को इसमें बहुत मज़ा आता है अगर इसे रचनात्मक तरीके से किया जाये | उन्हें कुछ कहानियां पढ़ कर सुनाएं और विभिन्न पात्रों के लिए आवाज़ बदल कर इन कहानियों को रोचक बनायें | इससे आपका बच्चा इन कहानियों से जुड़ पायेगा |
5. उदाहरण बनें
अगर माता पिता खुद गैर पाठक (नॉन रीडर) हैं तो बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना आसान ना होगा | माँ बाप होने के नाते हमारा यह फ़र्ज़ बनता है की हम बच्चों के सामने किताब पढ़कर एक उदाहरण प्रस्तुत करें | बच्चे वही करते हैं जो वो देखते हैं पढ़ने की अच्छी आदत परिवार में हमेशा सराहनिए होती है |
6. किताबों पर चर्चा करें
बच्चे को कहानी में बताये गये पात्र और बाकी जानकारी के बारे में बात करना अच्छा लगता है | किताबों पे नियमित चर्चा उनके पढ़ने के चाव को बरकरार रखेगी| पढ़ने की आदत परिवार में खुली चर्चाओं को प्रोत्साहन देती है |
7. पुस्तकालय ले कर जाएँ
पुस्तकालय परिवार को किताबों से अवगत कराने का बहुत अच्छा जरिया है| अच्छे पुस्तकालय आपको किताबें देखकर अपनी रूचि से चुनने में मदद करते हैं | इससे आप विभिन्न शैली में लिखी पुस्तकों से भी अवगत हो सकते हैं | वहां बैठे बहुत से लोगों को पढता देख बच्चों को पढ़ने का प्रोत्साहन भी मिलेगा |
8. किताबें उपहार में दें
बच्चों को तोहफे हमेशा अच्छे लगते हैं चाहे उनका जन्मदिन हो या अकस्मात तोहफा | बच्चों को किताबें उपहार में दें और उन्हें किताबें दोस्तों को उपहार में देने का महत्त्व समझाएं | जब भी आप उन्हें किताब दें तो उस मौके को खुशी का मौका बना दें |
9. किताबें बच्चों के हाथ के पास रखें
बच्चे को किताब खुद चुनने दें | बुकशेल्फ बच्चों की पहुँच में बनवाएं | इससे बच्चों को किस प्रकार की किताबों में रूचि और आकर्षण है, के बारे में पता चलेगा | आप एक छोटी सी लाइब्रेरी भी बना सकते हैं या किताबें बुकशेल्फ पर रखें जिससे किताबें बच्चों की आँखों के सामने रखें |
10. कहानी कहने को प्रोत्साहित करें
कहानी कहने की कला पढ़ने का श्रव्य रूप (ऑडियो फॉर्म) है | यह एक कला है जिससे कहानी कहने वाला अपनी काल्पनिक दुनिया भी कहानी के रूप में पेश कर सकता है | पढ़ने से बच्चों को रचनात्मक पंख मिल जाते हैं | माँ बाप को सदा बच्चों को स्टोरीटेलिंग आयोजन में जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए या उनकी खुद की बनायीं कहानिया सुनाने के लिए कहना चाहिए |
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